अगर आप क्रिप्टो करेंसी में व्यापार करते होंगे तो आप ने हाल ही में जरूर सुना होगा उन खबरों के बारे में जो भारत सरकार ने देशभर में क्रिप्टोकरंसी को लेकर नई योजना बना रही है।
अगर आपने नहीं सुना तो आज हम आपको बताएंगे कि भारत में क्रिप्टो करेंसी खरीदना कानूनी है कि नहीं तो इस ब्लॉग पोस्ट को आप पूरा पढ़िएगा पूरी जानकारी लेने के लिए तो आइए बिना किसी देरी के आज के विषय पर चर्चा करते हैं।
हाल ही में बुधवार को पूरी क्रिप्टो करेंसी की दुनिया हिल गई थी क्योंकि इसे मार्केट कैप में करीब 1 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ और Binance और क्रिप्टो वॉलेट सहित कई बड़े-बड़े ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है।
जो कि क्रश हो गए थे।जिससे निवेशकों को काफी निराशा हुई थी हालांकि बाद के कुछ घंटों में बिटकॉइन एथेरियम जैसे कई क्रिप्टोकरंसी में सुधार देखने को मिला था। यह गिरावट विधि और भुगतान संसाधनों को क्रिप्टोकरंसी सेवा देने से बैन करने की चीन के फैसले के बाद आई थी।

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भारत में क्रिप्टो करेंसी के लीगल स्टेटस क्या हैं
भारत में अगर देखा जाए तो क्रिप्टो करेंसी के लीगल यानी कि कानूनी स्टेटस को लेकर लोग बहुत ही ज्यादा कंफ्यूज हो गए हैं ऐसा इसलिए है क्योंकि सरकार ने इस साल की शुरुआत में एक बिल प्रदर्शित किया था जिसमें बिटकॉइन और टोकन सहित सभी क्रिप्टोकरंसी पर प्रतिबंध लगाने का आदेश था।
हालांकि बाद में इसमें और कोई नया बदलाव नहीं हुआ एक हालिया रिपोर्ट में भी यह दावा किया जाता है कि सरकार ने क्रिप्टोकरंसी को पूरी तरह से बैन करने का आईडिया है जो उसे ड्रॉप कर दिया है।
क्रिप्टो करेंसी भारत में गैरकानूनी नहीं है लेकिन इन्हें रेगुलेट भी नहीं किया जा सकता है यानी कि आप बिटकॉइन खरीद और बेच सकते तो हैं और यहां तक की आमतौर पर इसे इन्वेस्टमेंट करके भी रख सकते हैं।
वर्तमान समय में बिटकॉइन और क्रिप्टोकरंसी भारत में कानूनी दायरे से बाहर है और हम उन्हें अवैध नहीं कह सकते हैं क्योंकि वह अभी तक देश में किसी भी केंद्रीय अधिकार द्वारा उपयोग के लिए प्रवेश नहीं किया गया है।
क्रिप्टो करेंसी फिलहाल किसी भी दिशा और निर्देश के नियम के दायरे से बाहर है। इस वजह से बिटकॉइन और एथेरियम कॉइन लेना जोखिम भरा है क्योंकि इन एक्सचेंजर से उत्पन्न होने वाले विरोध कानूनी रूप से सीमित नहीं होंगे।
भारत में क्रिप्टो करेंसी का भविष्य क्या है?
भारत के युवाओं में इन दिनों क्रिप्टोकरंसी को लेकर बड़ा ही बातचीत हो रहा है क्रिप्टो मार्केट में जिस तरह की गतिविधियां हो रही है उससे यह समझ में आता है कि देश में बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरंसी तेजी से बढ़ रही है और लोगों को लोकप्रिय हो रही है।
जिसे लोग काफी पसंद करने लगे हैं और इसमें इन्वेस्ट करने की सोच रहे हैं और अधिकतर लोग इन्वेस्ट कर चुके हैं। अब तक हालांकि सही-सही पता नहीं लगा पाया है। कि देश में कितने लोग ऐसे हैं जो क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग कर रहे हैं और इनमें कितनी रकम शामिल है शायद हर 10 में से एक इंडियन क्रिप्टोकरंसी में निवेश कर ही रहा है।
लोग रातो रात अमीर बनने की इस रेस में पीछे हटाना नहीं चाहते हैं और इसलिए हर रोज अधिक से अधिक लोग क्रिप्टोकरंसी में पैसे इन्वेस्ट कर रहे हैं और कुछ लोग तो ट्रेडिंग में भी शामिल हो रहे हैं।
क्रिप्टो करेंसी से होने वाली कमाई पर लग सकता है टैक्स
हाल ही में सरकार द्वारा पहले ही क्रिप्टो करेंसी को खरीदना और बेचना उनकी माइनिंग करना सहित अन्य गतिविधियों को गैरकानूनी घोषित करने पर विचार कर रही थी लेकिन फिर ऐसा नहीं हुआ फिर सरकार ने अपने रुख में बदलाव करते हुए यह कहे दिया।
कि इसके लिए नियामक लाने की और कोई रुकावट लाने की जरूरत नहीं है। और इसेसे लेकर हाल ही में संसदीय कमेटी में भी यह गहरा विचार विमर्श भी किया गया के सूत्रों के अनुसार कहा जा रहा है।
कि हवाले से इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार क्रिप्टोकरंसी से होने वाले लाभ पर भारी भरकम टैक्स लगा सकती है निवेशकों को क्रिप्टोकरंसी के लाभ पर 40 फ़ीसदी से अधिक का टैक्स भुगतान करीना पड़ सकता है।
भारत ने खुद की क्रिप्टो करेंसी बनाने का क्यूँ फैसला लिया
बीते हुए कुछ महीनों में आरबीआई और वित्त मंत्रालय ने कह चुका है कि वे भारत की खुद की एक डिजिटल करेंसी बनाने पर कानूनी विचार करेगी लेकिन भारत की खुद की डिजिटल करेंसी लाना आसान है।सरकार केवल किसी प्रकार के लेनदेन को एक लीगल टेंडर का दर्जा देगी जो कि भारत की भारी जन संख्या इस्तेमाल कर रही है।
क्या भारत सरकार क्रिप्टोकरंसी पर कानून लगाएगा
भारतीय संसद इस हफ्ते शुरू हुई खास बात कृषि या विकास से संबंधित परियोजनाएं ना होकर एक ऐसी करेंसी या मुद्रा रही है जो ना देखी जा सकती है और ना ही छुई जा सकती है और जिसकी कीमत दिन प्रतिदिन तेजी से घटती और बढ़ती रहती है।
इसे क्रिप्टोकरंसी डिजिटल करेंसी के नाम से भी कह सकते हैं। जिस पर सरकार या बैंक का कोई भी नियंत्रण नहीं होता है यह जो करेंसी या होती है ब्लॉकचेन और तकनीकी पर बनी होती है।
जो किसी भी डाटा को डिजिटल सहज या उन्हें एनालाइज करके हमें दिखाती है। अब तो जाहिर सी बात है कि जो करेंसी किसी के नियंत्रण में नहीं होती है और उस पर सरकार कानून कैसे ला सकती है इसका जवाब हां और ना दोनों है।
भले ही सरकार ने क्रिप्टो करेंसी को लेकर कोई कानून नहीं बनाया हो लेकिन भारत सरकार आयकर विभाग क्रिप्टो निवेश पर होने वाली इनकम पर टैक्स लेता है हालांकि टैक्स के नियम ज्यादातर साफ नहीं होते हैं लेकिन अगर किसी निवेश पर टैक्स लिया जा रहा होता है
तो इसका मतलब यह है कि सरकार उसे आय का स्त्रोत मान रही है। दूसरा पक्ष यह भी हो सकता है कि सरकार इसे पेमेंट का माध्यम मानने से इंकार ना कर रही हो लेकिन हाल ही में संसद की ओर से जारी एक बुलेटिन में कहा गया था। कि बिटकॉइन या एथेरियम जैसी अन्य क्रिप्टो करेंसी को करेंसी का दर्जा नहीं दिया जा सकता है इसका मतलब की इनमें से कोई भी दूसरा सामान नहीं खरीदा जा सकेगा ।