Dr. Bhimrao Ramji Ambedkar का जन्म 14 अप्रैल 1981 को हुआ था, इसलिए उनका जन्म Bhimrao Ramji Ambedkar के शहर में हुआ था, उनका दूसरा नाम Dr Babasaheb Ambedkar था, जो भारत के राष्ट्रपति थे। full hd dr babasaheb ambedkar hd wallpaper latest Free Download 2023.
सबसे बड़ी बात डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर को भारतीय के रूप में जाना जाता था जीवन शैली। साली आर्थिक, सामाजिक विज्ञान, राजनीति और अन्य सामाजिक सुविधाओं के लिए जाने जाते थे।
भीमराव अम्बेडकर भारत में धन, अधिकार और सामाजिक सम्मान के लिए लड़ने वाले एक प्रिय नेता थे। वह अपने हक़ के लिए आवाज़ उठाते थे, हर तरह के सामाजिक और असामाजिक तत्वों की आवाज़ उठाने में उनका अहम योगदान है. अम्बेडकर भारतीय संविधान सभा के अध्यक्ष थे।
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Dr. Bhimrao Ramji Ambedkar की शादी कब हुई थी?
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जो शादी हुई थी उनकी शादी दो प्रकार से हुई गई थी पहली शादी जो उनकी हुई थी उनकी प्रथम पत्नी का नाम राम बाई अंबेडकर था जिनकी विवाह 1906 में हुई थी अथवा उनकी जो मृत्यु की निधन की तिथि 1935 एवं उनकी मृत्यु का कारण उनकी स्वयं की तबीयत ज्यादा खराब होना जाने के कारण वह अस्पताल ना पहुंच पाए जिसकी वजह से सावधानी नियमों का पालन करते समय उनकी मृत्यु का कारण बन गया
एवं उनकी जीवन संगिनी की द्वितीय पत्नी का नाम डॉक्टर सावित्री अंबेडकर जी यह उनकी दूसरी पत्नी का नाम है जिनका विवाह 1948 में हुआ था आता है इनकी जो अंतिम निधन की तिथि 2003 है
अंबेडकर परिवार के प्रथम बेटे का नाम Yashwant Ambedkar जी हां जो उनके निवासी राजगृह मुंबई पर रहा करते थे उनके जो प्रथम बेटा ही था जो उनकी योग्यता मुंबई विश्वविद्यालय b.a. एजुकेशन कंप्लीट किए थे .लोकप्रिय संस्कृत कथन का सिद्धांत है
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₹1 भारती का सिक्का स्नातक अम्बेडकर को समर्पित था.
अम्बेडकर का जन्मदिन अम्बेडकर जयंती हर साल 14 अप्रैल को पूरे भारत में एक बड़े त्योहार के रूप में मनाया जाता है। यह कार्य पूरे देश, विदेश और अम्बेडकर जी के प्रिय प्रेमी 14 अप्रैल को धूमधाम से करते हैं।
अम्बेडकर जयंती को महाराष्ट्र सरकार द्वारा ज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि डॉ अम्बेडकर को नोबेल पुरस्कार भी दिया गया था ज्ञान की प्रतिमा को नई दिल्ली संसाधन में विनोद के दिनों में पूरे भारत में सामाजिक अवकाश के रूप में घोषित किया गया था।
हर साल भारत के राष्ट्रपति और भारत के प्रधान मंत्री के साथ-साथ अन्य राजनीतिक लोगों को प्रतिमा पर संबंधित संघ क्षत्र दिए जाते हैं। दिशा अब उन लोगों को दान देती हैं .
जो उनकी मूर्ति को अपने सामने रखते हैं और लोगों को प्रेरित करते हैं कि वे भी ढोल बजाकर दोस्त का आनंद लेते हैं यानी अच्छा करते हैं आज का गीत धमाका बम फोटे है .
इस दिन का आनंद लें जो बहुत विशाल रहते हैं और वर्ष 2016 में डूब गए, 125वां जन्म अंबेडकर की जयंती 102 देशों और संयुक्त राष्ट्र संघ में बनाई गई थी .
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भारत के स्वतंत्रता और समाज बोल भूमिका क्या है I
भीमराव अंबेडकर जी का जीवन एक विशिष्ट व्यक्तित्व का हिस्सा है, जो भारत के स्वतंत्रता और समाज के अनुच्छेद 17 के माध्यम से आजादी के बाद दलितों के लिए समानता के अधिकारों को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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अंबेडकर जी ने अपने जीवन के दौरान अनेक समस्याओं का सामना किया। उन्होंने अपनी जीवन की शुरुआत एक दलित परिवार में की, जिसके कारण उन्हें उच्च शिक्षा नहीं मिली। उन्होंने अपनी आत्मसम्मान के लिए लड़ाई लड़ी और उन्होंने दलितों के लिए लड़ने के लिए अपना समस्त जीवन समर्पित कर दिया।
अंबेडकर जी ने समाज के विभिन्न वर्गों के लिए न्याय की मांग की और सभी लोगों को एक साथ जीने के लिए समान अधिकारों की मांग की। उन्होंने दलितों के लिए अपने जीवन के दौरान अनेक उपलब्धियों को हासिल किया, जैसे उनके लिए एक संघ बनाना, जिससे वे अपने अधिकारों की रक्षा कर सकें। अंबेडकर जी के विचारों ने दलितों के संघ


भारत का स्वतंत्रता आंदोलन किस तरह से आयोजित किया गया था और उसमें Dr br Ambedkar का क्या योगदान था?
डॉ. अम्बेडकर ने दलितों के लिए आवाज बुलंद की थी और उन्हें समानता और न्याय के लिए लड़ाई लड़ी थी। उन्होंने जिस प्रकार से दलितों के लिए एक आधुनिक संविधान तैयार किया था, वह भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। डॉ. अम्बेडकर ने भारतीय समाज में जाति व्यवस्था और विवेकानंद द्वारा प्रचलित वेदान्त दर्शन के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी।
डॉ. अम्बेडकर की महत्त्वपूर्ण योगदानों में से एक उनकी संविधान लेखन क्षमता थी। उन्होंने भारतीय संविधान को तैयार करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने संविधान समिति के सदस्य के रूप में काम किया था और संविधान के निर्माण में अपना संदेश दिया था कि सभी लोगों को समान अधिकार होने चाहिए।
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डॉ. अम्बेडकर ने दलितों को सशक्त बनाने के लिए अनेक योजनाएं चलाईं। उन्होंने एक ऐसी शिक्षा योजना तैयार की जो दलितों को अधिक शिक्षा प्रदान कर
उन्होंने दलितों के लिए भीम बैच (Bhim Batch) का गठन किया था, जो उन्हें उच्च शिक्षा प्राप्त करने में मदद करता था। वे अपने विचारों और कार्यों से एक महान नेता के रूप में जाने जाते हैं, जिन्होंने भारत को समानता और न्याय की दिशा में आगे बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
डॉ. अम्बेडकर के जीवन और कार्य बहुत से सवालों का उत्तर देते हैं, जैसे कि उनकी शिक्षा, संविधान लेखन क्षमता, उनकी समाज सेवा योजनाएं, आदि। उनसे जुड़े यहां कुछ ऐसे सवाल हैं जो आप उनके जीवन और कार्य के बारे में जानना चाहते होंगे:
FAQs
डॉ. बी. आर. अम्बेडकर का जन्म कब हुआ था?
Dr br Ambedkar का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू नगर में हुआ था।
डॉ. बी. आर. अम्बेडकर जी ने अपनी शिक्षा किस यूनिवर्सिटी से प्राप्त की?
Dr br Ambedkar ने अपनी शुरुआती शिक्षा सतारा के मिलिट्री स्कूल से प्राप्त की थी। उन्होंने बॉम्बे यूनिवर्सिटी से विद्यार्थी और स्नातक डिग्री प्राप्त की। उन्होंने ब्रिटिश कोलंबो यूनिवर्सिटी से एमए डिग्री भी प्राप्त की।
Dr br Ambedkar जी ने क्या-क्या योगदान दिया ?
डॉ. बी. आर. अम्बेडकर ने भारत की स्वतंत्रता, भारतीय संविधान, समाज में समानता, न्याय, महिला सशक्तिकरण, अशिक्षित लोगों के लिए शिक्षा और निर्ममता को लेकर अपना योगदान दिया।
Dr br Ambedkar की जयंती का क्या महत्व है?
डॉ. बी. आर. अम्बेडकर की जयंती 14 अप्रैल को मनाई जाती है और यह एक राष्ट्रीय अवकाश भी है। इस दिन लोग डॉ. अम्बेडकर के योगदान को समझते हैं और उन्हें सम्मान देते हैं। यह दिन भारत के संविधान निर्माता के रूप में भी महत्वपूर्ण है।
भारत में जाति व्यवस्था का क्या होगा?
डॉ. अम्बेडकर ने जाति व्यवस्था को खत्म करने के लिए कई कदम उठाए। उन्होंने संविधान के माध्यम से जातियों के लिए आरक्षण का प्रस्ताव रखा था जो आज भी लागू है। उन्होंने बुद्ध धर्म को बढ़ावा देकर लोगों को बताया कि सभी मनुष्य एक समान होते हैं।
भारतीय संविधान क्यों तैयार किया गया था और उसकी विशेषताएं क्या हैं?
भारतीय संविधान को बनाने के पीछे का मुख्य उद्देश्य भारत को एक लोकतांत्रिक देश बनाना था। संविधान में भारत के नागरिकों के मौलिक अधिकारों का वर्णन किया गया था जिन्हें आज भी हमारी रक्षा करनी होती है।
भारत में दलितों को समान अधिकार क्यों नहीं मिलते हैं और उनके समस्याओं का समाधान कैसे हो सकता है?
डॉ. अम्बेडकर के द्वारा बनाए गए नियमों के बावजूद दलितों को समान अधिकार नहीं मिल पाते हैं। उन्होंने आरक्षण, समान वेतन और समान अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी थी। आज भी हमें उनकी बातों पर गौर करना चाहिए और दलितों के लिए समानता लाने के लिए जंग जारी रखनी चाहिए।
डॉ. अम्बेडकर ने कौन सी योजनाएं चलाईं थीं दलितों के लिए?
डॉ. अम्बेडकर ने अनेक योजनाएं चलाईं थीं दलितों के लिए। उन्होंने भारतीय संविधान में दलितों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए काफी मेहनत की थी। उन्होंने भारत में दलितों के लिए अनेक शिक्षा योजनाएं चलाईं थीं। उन्होंने भारत में दलितों के लिए राजनीतिक दल भी बनाया था।
डॉ. अम्बेडकर के संविधान लेखन में क्या भूमिका रही थी?
डॉ. अम्बेडकर की संविधान लेखन में महत्त्वपूर्ण भूमिका थी। उन्होंने संविधान निर्माण समिति का गठन किया था और अपनी विचारधारा को संविधान के अन्तर्गत दर्ज कराने के लिए काफी मेहनत की थी।